गुरुवार, 29 जून 2017

देश की इन दो ताकतवर महिलाओं की जंग से जुड़ी है फिल्म 'बादशाहो' की कहानी

बॉलिवुड निर्देशक मिलन लूथरिया की फिल्म 'बादशाहो' की कहानी का ताना-बाना उस समय देश की दो सबसे ताकतवर महिलाओं की राजनीतिक जंग के बैकग्राउंड में बुना गया है। इस जंग में एक तरफ थीं आयरन लेडी के नाम से जानी जाने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, तो दूसरी तरफ दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में शुमार जयपुर की महारानी गायत्री देवी, जो उस समय इंदिरा गांधी की मुखर विरोधी थीं। दो बड़ी राजनीतिक हस्तियों की इस जंग को लेकर कई सारे किस्से प्रचलित हैं। ऐसा ही एक किस्सा है इमजरेंसी के दौरान जयपुर महल में खजाने की खुदाई का। कहते हैं कि इमरजेंसी का फायदा उठाते हुए इंदिरा गांधी ने महारानी गायत्री देवी को जेल भेज दिया और उनके महल में आर्मी लगवाकर तीन महीने तक खजाने की खुदाई कराई। फिल्म बादशाहो भी इसी किस्से के इर्द-गिर्द रची गई है। आइए, जानते हैं कौन थीं महारानी गायत्री देवी, इंदिरा गांधी से उनकी जंग की क्या थी वजह और क्या है यह खजाने का किस्सा।

कोई नहीं हो सकता महारानी जैसा, अद्वितीय शब्द भी है फीका

महारानी गायत्री देवी के बचपन का नाम आयशा था। उनके पिता का नाम महाराजा जीतेंद्र नारायण और माता का नाम इंदिरा राजे था। उनका जन्म लंदन में हुआ था। उनके व्यक्तित्व में उनकी शाही परवरिश की झलक साफ देखी भी जा सकती थी। फेमस मैग्जीन वोग ने उन्हें दुनिया की 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था। उनकी खूबसूरती, नफासत के किस्से आज भी लोगों के बीच चर्चित हैं। 9 मई 1940 को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय से गायत्री देवी की शादी हुई थी। वे मानसिंह की तीसरी पत्नी थीं। महारानी गायत्री देवी को बाद में राजमाता की उपाधि दी गई।

यूं हुई इंदिरा गांधी से जंग की शुरुआत

महारानी गायत्री देवी इमरजेंसी से पहले तीन बार कांग्रेस के उम्मीदवारों को हरा चुकी थीं। 1962 में जयपुर लोकसभा सीट से दो लाख 46 हजार 516 वोटों में से एक लाख 92 हजार 909 वोट हासिल कर एक रिकॉर्ड कायम किया। वह कांग्रेस और इंदिरा गांधी की मुखर आलोचक थीं। जब 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, तो गायत्री देवी ने खुलकर इसका विरोध किया। इसके बाद करीब पांच महीने तक गायत्री देवी को भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहना पड़ा।

खजाने का किस्सा

बताया जाता है कि इमजरेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने महारानी गायत्री देवी की आय और संपत्ति की जांच के आदेश दिए। सेना की मदद से आयकर विभाग, पुलिस ने तीन महीने तक उनके महल की खुदाई की। इस घटना को इंटरनैशनल मीडिया ने भी कवर किया। इसका जिक्र गायत्री देवी ने अपनी आत्मकथा 'अ प्रिंसेस रिमेंबर्स' में किया था। हालांकि, सरकार ने बाद में कहा कि कोई खजाना नहीं मिला।  लेकिन, लोगों को आज भी सरकार की इस बात पर विश्वास नहीं है। कई स्रोतों से पता चलता है कि जब खुदाई बंद हुई, तो दिल्ली-जयपुर हाइवे को एक दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान जयगढ़ के किले से खजाने से भरे ट्रक सेना की निगरानी में दिल्ली लाए गए। लेकिन, आधिकारिक तौर पर इसकी कोई जानकारी कहीं नहीं मिलती है।

इमरजेंसी और इंदिरा गांधी पर बॉलीवुड का फोकस

बॉलीवुड में इमरजेंसी और इंदिरा गांधी से जुड़ी दो फिल्में एक साथ बन रही हैं। पहली फिल्म है मधुर भंडारकर की इंदू सरकार, जो अभी से विवादों में घिर गई है। दूसरी फिल्म अजय देवगन, इमरान हाशमी, विद्युत जामवाल, ईशा गुप्ता, इलियाना डिक्रूज जैसे सितारों से सजी 'बादशाहो' है। फिल्म में 1975 की इमरजेंसी की असली फुटेज डाली गई हैं। और इसी वजह से फिल्म को बनाने के लिए काफी रिसर्च भी की गई है।