बुधवार, 9 जून 2010

भोपाल गैस कांड : जिम्मेदार कौन ?


मैं मनीष तिवारी अपने विचारों के साथ आपके सामने उपस्थित हूँ ,


गैस रिसाव के बाद लगा लाशों का ढेर 
                                  कल काफी लम्बे समय के बाद भोपाल गैसकाण्ड का फैसला आया , उम्मीद  थी  कि एक लम्बे  समय के बाद ही सही कम से कम गैस पीड़ितों को न्याय तो मिलेगा , पर सारी उम्मीदें फैसला आने के साथ ही समय धूमिल हो गयीं , और साथ ही यह भी पता चला कि २०,००० हजार लोगों की जान की कीमत है महज ५ लाख रुपये , क्योंकि सजा देने और दिलाने  के नाम पर तो बस सरकारी औपचारिकता निभा दी गयी है , हाँ इस मौके पर भी हमेशा  की तरह शासन-प्रशासन के मध्य अपनी छवि उजली रखने और सारा दोष दूसरों पर मढ़ देने का पुराना खेल शुरू हो गया है , और जब बात सहानुभूति को वोटों में कैश करने की हो तो भला  विपक्ष इसमें कैसे पीछे रहता ,
                                                                                         अब सरकार से लेकर स्वयंसेवी सगठनों और न्यायिक  तंत्र  ने आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि पुलिस ने लापरवाही की है , पर्याप्त सबूत नहीं पेश किये गए , मुकदमें के दौरान लापरवाही बरती गयी  और जानबूझकर हल्की धाराएँ लगायी गयीं ,
पर भई  सोचने  की बात तो यह कि यह जो  सारे लोग आज हो हल्ला मचा रहे हैं, उस समय कहाँ थे जब यह सब किया जा रहा था ?
क्या सरकार ने उस समय अपनी आँखे बंद कर रखीं थीं, जब केस के दौरान लापरवाही बरती जा रहीं थी ?
दुधमुहे को बचाने को अंतिम सांस तक जुटी रही एक माँ
क्या ऐसा नहीं है ?
और अगर ऐसा नहीं है , तो भी इस सब के लिए जितनी  जिम्मेदार जांच एजेंसियां और पुलिस हैं उससे कहीं ज्यादा दोषी सरकार और यही स्वयंसेवी संगठन भी हैं !
हाँ यदि वे दोषी नहीं हैं , तब तो फिर सभी उतने ही पाक-साफ हैं ?
तो फिर आखिरकार भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कौन है  ?



क्या सच में कोई नहीं ???? 

 
                                                                                                             
असल गुनहगार कौन  ?                                              कुछ काम न आया...

1 टिप्पणी:

  1. इस शर्मनाक कांड की जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी और उसकी भ्रष्ट नीतियाँ है ,जिसने देश को भी हर तरह से बर्बाद कर दिया है |

    जवाब देंहटाएं